29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से मौनी अमावस्या के दिन किये गये स्नान-दान के कार्यों को महत्तवपूर्ण माना गया है। माना जाता है कि इससे हमारे पापों और कष्टों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पित्रों को जल अर्पण करने से तथा श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्य करने से उन्हें शांति मिलती है और हमारे पितृ दोष समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में इस बार 144 वर्षों बाद होने वाले महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन होने वाले अमृत स्नान का महत्व और बढ़ जाता है।
किन बातों का रखें ध्यान?
मौनी अमावस्या के दिन प्रागराज के संगम तट पर इस बार करोड़ों लोगों के स्नान करने की संभावना है। ऐसे में आप अमृत स्नान के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रख सकते हैं, आइए जानते हैं –
1. पित्रों के नाम जल अर्पण करना न भूलें ।
2. भीड़ ज्यादा होने के कारण अपने सामान की रक्षा ठीक से करें ।
3. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वार जारी की गई एडवाइजरी को निश्चित रूप से पढ़ें।
4. अपने परिजनों से बिछड़ने पर घबराएं नहीं और खोया-पाया केंद्र या पुलिस सहायता केंद्र में संपर्क करें।
5. मेला क्षेत्र में आपको पैदल ही सफर करना होगा, तो इसके लिए आप तैयार रहें।